Thursday, November 24, 2011

Maa

तुमने हमें दिया आकार,
तेरी महिमा है अपरम पार,
कष्ट सहकर भी किया,
हमारे सपनों को साकार!

तुमने खुद गिर कर हमको उठाया,
तारों के समान चमकना सिखाया,
फूलों के पथ पर हमें सुलाया,
और खुद कांटों को ही अपनाया!
तेरे आँचल के साये में पले,
हम नन्हें सुमन अध खिले!
दिया हमें खुशियों का चमन,
ह्रदय में लिए एक सुनहला सपन!
उज्जवल भविष्य का कल्पित संसार,
दिया हमें शिक्षा और ज्ञान का उपहार!
हे माँ, तुम हो महान क्या करूँ मैं अर्पित,
तेरे लिए ही सब कुछ समर्पित सब कुछ समर्पित!!


 

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