लो आज चला इस दुनिया से , साथी ना मिला इस धरती पर .
अगर अपना सा मै तुम्हे लगू , तो दो फूल चढ़ाना अर्थी पर
मौन अस्थिया अब मेरी , तुमको ना बुलाने आयेंगी .
तुम समझ सको तो आ जाना , वरना यूँ ही जल जाएँगी
यूँ तो जीवन भर जला किया , पर आज आखरी ज्वाला है .
तुम दो आंसू छलका देना , मै समझूंगा वरमाला है
बल खाके जब धुआं उठेगा , पढ़ लेना तुम उसकी भाषा
पुनर्जन्म में मिलना तुम , यही है मेरी अंतिम अभिलाषा
अगर अपना सा मै तुम्हे लगू , तो दो फूल चढ़ाना अर्थी पर
मौन अस्थिया अब मेरी , तुमको ना बुलाने आयेंगी .
तुम समझ सको तो आ जाना , वरना यूँ ही जल जाएँगी
यूँ तो जीवन भर जला किया , पर आज आखरी ज्वाला है .
तुम दो आंसू छलका देना , मै समझूंगा वरमाला है
बल खाके जब धुआं उठेगा , पढ़ लेना तुम उसकी भाषा
पुनर्जन्म में मिलना तुम , यही है मेरी अंतिम अभिलाषा
No comments:
Post a Comment