अपनी ख़ुशी को जाहिर करने से डर लगता है
क्यूंकि हर एक शख्स मुझको घूरता हुआ लगता है,
लग जाये न कहीं किसी की नज़र
कभी कभी तो खुद को बताने से ही डर लगता है!
क्यूंकि हर एक शख्स मुझको घूरता हुआ लगता है,
लग जाये न कहीं किसी की नज़र
कभी कभी तो खुद को बताने से ही डर लगता है!
हर पथ पे जो ठोकर खा चूका हो
हर शख्स से जो ठगा जा चूका हो,
ऊपर वाले पे भरोसे से डरता हो
जो हर मंदिर में दिया लगा चूका हो!
हर शख्स से जो ठगा जा चूका हो,
ऊपर वाले पे भरोसे से डरता हो
जो हर मंदिर में दिया लगा चूका हो!
मन चंचल है इससे कोई राज़ नहीं छुपता
इसको बताओ तो इसके पेट में नहीं पचता,
छल कपट इसको आता नहीं है
इसलिए जो हसके मिले उसी को अपना लेता है!
इसको बताओ तो इसके पेट में नहीं पचता,
छल कपट इसको आता नहीं है
इसलिए जो हसके मिले उसी को अपना लेता है!
गम और चिन्ताओं से पहले ही इतना घिरे थे
की आशा की किरण को गर्मी की लपट समझ बैठे,
आंधियों से अपना आशियाना गंवा बैठे थे
इसलिए शीतल हवा को भी आंधी समझ बैठे!
की आशा की किरण को गर्मी की लपट समझ बैठे,
आंधियों से अपना आशियाना गंवा बैठे थे
इसलिए शीतल हवा को भी आंधी समझ बैठे!
या खुदा! अब बस इतना सा करम करना
अगर मुसकुराहट चेहरे पे आई है तो वापस मत छीनना,
हम खुद भी लोगों की नज़र से इसे बचाएंगे
पर तू ही इसे खुद की और हमारी नज़र मत लगने देना!
अगर मुसकुराहट चेहरे पे आई है तो वापस मत छीनना,
हम खुद भी लोगों की नज़र से इसे बचाएंगे
पर तू ही इसे खुद की और हमारी नज़र मत लगने देना!
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