Wednesday, March 11, 2020

पर अंतरमन सच बोलेगा....

घनघोर अंधेरा छाये जब
कोई राह नज़र ना आये जब
कोई तुमको फिर बहकाये जब
इस बात पे थोड़ी देर तलक
तुम आँखें अपनी बंद करना
और अंतरमन की सुन लेना
मुमकिन है हम-तुम झूठ कहें
पर अंतरमन सच बोलेगा.....

जब लम्हा-लम्हा 'आरी' हो
और ग़म खुशियों पे भारी हो
दिल मुश्किल में जब पड़ जाये
कोई तीर सोच की 'अड़' जाये
तुम आँखें अपनी बंद करना
और अंतरमन की सुन लेना
मुमकिन है हम-तुम झूठ कहें
पर अंतरमन सच बोलेगा....

जब सच-झूठ में फर्क ना हो

जब सच-झूठ में फर्क ना हो
जब गलत-सही में घिर जाओ
तुम नज़र में अपनी गिर जाओ
इस बात पे थोड़ी देर तलक
तुम आँखें अपनी बंद करना
और अंतरमन की सुन लेना
मुमकिन है हम-तुम झूठ कहें
पर अंतरमन सच बोलेगा....

ये जीवन एक छाया है

ये जीवन एक छाया है
दुख, दर्द, मुसीबत माया है
दुनिया की भीड़ में खोने लगो
तुम खुद से दूर होने लगो
तुम आँखें अपनी बंद करना
और अंतरमन की सुन लेना
मुमकिन है हम तुम झूठ कहें
पर अंतरमन सच बोलेगा....

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है --Kumar Vishwas

कोई दीवाना  कहता  है  कोई  पागल  समझता  है
मगर  धरती  की  बेचैनी  को  बस  बादल समझता  है
मै तुझसे  दूर  कैसा  हूँ , तू  मुझसे  दूर  कैसी  है
ये  तेरा  दिल समझता  है  या  मेरा  दिल  समझता  है
की   मोह्हबत  एक  एहसासों  की  पवन  सी  कहानी  है
कभी  कबीरा  दीवाना  था  कभी  मीरा  दीवानी  है
यहाँ  सब  लोग   कहते  हैं  मेरी  आखों  में  आंसू  है
जो  तू  समझे  तो  मोती  है  जो  न  समझे  तो  पानी  है
समंदर  पीर  का  अंदर  है  लेकिन  रो  नहीं  सकता
ये  आंसू  प्यार  का  मोती  है  इसको  खो  नहीं  सकता
मेरी  चाहता  को  दुल्हन  तू  बना  लेना  मगर   सुन  ले
जो  मेरा  हो  नहीं  पाया  वो  तेरा  हो  नहीं  सकता
भ्रमर  कोई  कुमुदनी  पर  मचल  बैठा  तो  हंगामा
हमारे  दिल  में  कोई  खवाब  पल बैठा  तो  हंगामा
अभी   तक  डूब  कर  सुनते  थे  सब  किस्सा  मोह्हबत  का
मै  किस्से  को  हकीकत  में  बादल  बैठा  तो  हंगामा .

मेरी अंतिम अभिलाषा

लो  आज  चला  इस  दुनिया से , साथी  ना मिला  इस  धरती  पर .
अगर  अपना  सा  मै तुम्हे  लगू , तो  दो  फूल  चढ़ाना  अर्थी  पर
मौन  अस्थिया अब मेरी , तुमको ना  बुलाने आयेंगी .
तुम  समझ  सको  तो  आ  जाना , वरना  यूँ  ही  जल  जाएँगी
यूँ  तो  जीवन  भर  जला  किया , पर  आज  आखरी  ज्वाला  है .
तुम  दो  आंसू छलका देना , मै  समझूंगा  वरमाला  है
बल खाके  जब धुआं  उठेगा  , पढ़  लेना  तुम  उसकी  भाषा
पुनर्जन्म  में  मिलना  तुम , यही है मेरी  अंतिम  अभिलाषा